Surah 4 (An-Nisa: Ye Hai Ibaadat)

Song

Surah 4 (An-Nisa: Ye Hai Ibaadat)

Lyrics

[मुखड़ा]
हर रिश्ते में प्यार बसाएं
अन-निसा का संदेश सुनाएं
मानवता की राह दिखाएं
दिल में इमान जगाएं
[अंतरा 1]
एक ही माटी से हम सब बने
फिर क्यों आपस में भेद करें
औरत हो या मर्द कोई
सम्मान सबका बराबर करें
नाते-रिश्तों का मान रखें
यतीमों का ध्यान रखें
अन-निसा सिखाए हमें
जीवन को हम सजाएं
[मुखड़ा]
हर रिश्ते में प्यार बसाएं
अन-निसा का संदेश सुनाएं
मानवता की राह दिखाएं
दिल में इमान जगाएं
[अंतरा 2]
न्याय हर इंसान का हक़ है
अत्याचार से बचना फर्ज़ है
दिल में रखो अल्लाह का डर
हर कदम पर उसका नूर है
विरासत का बंटवारा हो
हिकमत से हर फैसला हो
अपनों की रक्षा करना
यही अन-निसा सिखाए
[ब्रिज]
जीवन की राहों में जब मुश्किलें आएं
अन-निसा का पैगाम दिल को छू जाए
इंसानियत का असली धर्म निभाएं
प्यार और करुणा से दुनिया सजाएं
[अंतरा 3]
पति-पत्नी का साथ निभाना
प्यार से हर रिश्ता निभाना
झगड़ों से दूर रहें हम
सुलह करें, मिलजुल के रहें हम
पाक साफ जीवन जीएं
बुराई से दूर रहें हम
यही अन-निसा की शिक्षा
इसे अपनाएं, अपनाएं
[आउट्रो]
अन-निसा का संदेश है प्यारा
इसमें छिपा जीवन का सारा
प्यार, न्याय और करुणा
यही है इंसान की गरिमा
यही है इंसान की गरिमा…

Lyrics 2

[Verse 1]
धरती पे इंसान का अधिकार है ये,
नारी को सम्मान, ये क़ुरान कहता है,
रिश्तों की गहराई, मोहब्बत की दुआ,
अन-निसा की रोशनी से जगमगाए दुआ।

[Chorus]
आ जाओ, सीखें हम इज़हार-ए-इन्साफ़,
ख़ुदा ने दी है हमें एक प्यार सा साथ,
जो दर्द बाँटेगा, वोही है सच्चा राही,
अन-निसा की बातें बनेगी ज़िंदगी की राह।

[Verse 2]
माँ की इज़्ज़त, बेटी का है प्यार,
घर की शांति, ये है सबसे बेहतर,
ख़्वाहिशों में न भूलो हक़ीक़त को कभी,
नेकी की चादर ओढ़ लो, हो मुस्कुराते रहो।

[Bridge]
क्या तुम सुनोगे दिल की ये सदा?
इंसान बनो, न सिर्फ़ ख़ुदा का ख़ौफ़,
दिल से जो मिले, वोही है इबादत,
अन-निसा के रंग में रंग जाओ साथ।

[Outro]
चलो फिर से ये वादा करें,
हर पल इंसानियत को सजाएँ,
अन-निसा की रोशनी है राहों में,
ये रब का पैग़ाम, हम गाएँ…

Written By

Abu Sayed

Date

March 28, 2025 at 3:20 PM

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