Surah 23 (Al-Mu’minun: Dil ki Gehrai)

दिल में ईमान की रोशनी जगमगाए,
सजदे झुकें नेकी की राह बताए।
खो न जाए वक्त फिजूल बातों में,
ये ज़िंदगी है इबादत की छाँव में।

मु’मिन की पहचान, सच्चाई का गान,
रब की मोहब्बत है ये दिल का एहसास।
जब तक साँसें चले, उसी के नाम चले,
यही सूरह की सीख, यही ज़िंदगी का सच्चा रास्ता।

नफ़्स की लहरों को संभाल के चलें,
ज़कात देकर ग़रीबों का दर्द मिटाएँ।
वादे पूरे करें, ईमान की शान बनाएँ,
फिर मिलेगी जन्नत की हवा यहीं से आए।

क्यों भूल जाएँ उसकी दी हुई नेमतों को?
हर सुबह-शाम गिनें उसके एहसानों को।
खुदा का शुक्र है, ये ज़मीन-आसमान है,
इंसान की तकदीर उसी के हाथ में।

ये सूरह सिखाए, दिल को जगाए,
रब के रास्ते पर कदम बढ़ाए।
गुनाहों से बचे, नूर से सजे,
यही है मु’मिन की असली पहचान।

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