Surah 2 – Al-Baqarah: Roshni Ka Safar

Song

Surah 2 – Al-Baqarah: Roshni Ka Safar

Lyrics

[Verse 1]
दिल की धड़कन में छुपा है एक रहमत का नग़मा,
हर सवाल का जवाब, ये किताब है मुकम्मल।
अंधेरों में चिराग़ बनके आया ये सूरा,
ईमान की राह पे चल, ये इल्म है अहम।

[Chorus]
ऐ खुदा, तेरी नूर से जगमगाए ये दिल, (Oh Allah, let my heart glow with Your light)
अल-बक़रा की बातें बन गईं मेरी मंज़िल।
हर लम्हा याद दिलाए, तू ही है मेरा सहारा,
इबादत, इंसाफ़, मोहब्बत—यही है असल ज़िन्दगी का सवाल।

[Verse 2]
आदम की कहानी, इब्राहीम की दुआएँ,
हर मिसाल सिखाती, बनो नैक़ी का पैग़ाम।
ज़कात दो, नमाज़ पढ़ो, ये है दीन की शान,
खुद पे भरोसा रखो, पर ताक़त सिर्फ़ उसी की है।

[Bridge]
क्या तूने सोचा कभी, ये नूर किधर से आया?
जब दुनिया भटके, तो कौन सा रास्ता अपनाया?
एक आयत, एक सज्दा, यही तो है पहचान,
तेरे इश्क़ में ढल जाए मेरी हर एक अरमान।

[Outro]
रौशनी का सफ़र ये, चलता रहेगा सदियों तक,
अल-बक़रा की हिदायत बनी रहेगी दिलों में बस।
आगे बढ़ेगा ये गीत, सूरह सूरह से जुड़ेगा,
खुदा की रहमतों का ये सिलसिला कभी ना रुकेगा…

Written By

Abu Sayed

Date

March 27, 2025 at 11:10 PM

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