Abu Sayed is a full-stack developer and ambient music artist from Dhaka, Bangladesh. Specializing in Laravel, Unity, and AI integration, he creates innovative web and mobile applications. As the founder of Ai Blogify and ToolsNess, Abu develops SaaS products and contributes to open-source projects. His tech expertise is matched by his musical talent, earning him recognition in Bangladesh's ambient music scene. A Computer Science graduate, Abu combines technical skills with creative expression to deliver unique digital solutions. Explore his blog for insights on web development, AI, and the intersection of technology and music.
तेरी गली से जब भी गुज़रता हूँ मैं खुद को भूलकर तुझे सोचता हूँ मैं हवा में घुली है तेरी ही खुशबू हर एक आहट पे बस तुझे ढूंढता हूँ मैं
ये कैसा जादू है जो मुझपे चल गया देखा जो तुझको वक़्त भी ठहर गया ना होश है मुझे ना कोई खबर है तेरे नशे में दिल हद से गुज़र गया
तेरी आँखों ने किया है एक क़ातिल वार मेरा दिल हुआ शिकार पहली ही बार ये ज़ुल्फ़ें हैं या रातें ये कैसा नशा है तू ही मेरा मर्ज़ है तू ही इलाज है
तेरी एक मुस्कान पे दुनिया भुला दूँ कह दे तो आसमाँ कदमों में ला दूँ तेरे बिना हर लम्हा एक सज़ा सा लगे तेरी चाहत में खुद को मैं मिटा दूँ ये कैसा असर है तेरी बातों का
ये कैसा असर है तेरी बातों का छीना है तूने सुकून रातों का ना चैन है मुझे ना कोई करार है तेरे इश्क़ में दिल अब बेइख्तियार है
तेरी आँखों ने किया है एक क़ातिल वार मेरा दिल हुआ शिकार पहली ही बार ये ज़ुल्फ़ें हैं या रातें ये कैसा नशा है तू ही मेरा मर्ज़ है तू ही इलाज है
तेरे साये में रहने की आदत हुई है रूह को तेरी रूह से मोहब्बत हुई है पहले तो धड़कता था बस यूँ ही ये दिल अब तेरे नाम से इसमें हरकत हुई है मेरी हर दुआ में बस तेरा ही नाम है
क्या खता थी मेरी जो ये सज़ा मिली तेरी तस्वीर आँखों में हर जगह मिली ना गवाह कोई ना कोई सबूत है फिर भी तेरे इश्क़ में उम्रकैद मिली
लोग कहते हैं मुझसे संभल जा ज़रा कैसे समझाऊँ उनको ये दिल है मनचला अब तो बस एक ही ख्वाहिश है मेरी तेरे हाथों से हो मेरे इश्क़ का फ़ैसला
तेरी आँखों ने किया है एक क़ातिल वार मेरा दिल हुआ शिकार पहली ही बार ये ज़ुल्फ़ें हैं या रातें ये कैसा नशा है तू ही मेरा मर्ज़ है तू ही इलाज है
क़ातिल तेरी नज़र है हाँ तू ही मेरा सफ़र है तुझसे शुरू तुझपे खत्म ये ज़िन्दगी क़ातिल
हवाओं में घुली है तेरी ही खुशबू मेरी सुबहों का अब तू ही आग़ाज़ है जब से जुड़ा है तुझसे ये सिलसिला मेरे हर सुर में तेरा ही साज़ है ये दिल आवारा था कहीं ठहरता न था
ये कैसा जादू कर दिया है तूने कि खुद से ज़्यादा तेरी फ़िक्र होने लगी न अपनी खबर न जहां की है सुध मेरी हर ज़ुबाँ पे तेरा ज़िक्र होने लगा
ओ दिलरुबा मेरी दिलरुबा तू ही मेरी मंज़िल तू ही मेरा रास्ता साँसों में तुझको बसा लिया है मैंने अब खुदा से भी पहले है तेरा वास्ता
सूखे थे रास्ते और वीरान थी शामें तेरे आने से मौसम बदल गए हैं पत्थर सा था दिल कोई हसरत न थी तेरे इश्क़ की आँच में हम पिघल गए हैं मेरी अधूरी कहानी को मिला किनारा
ये कैसा जादू कर दिया है तूने कि खुद से ज़्यादा तेरी फ़िक्र होने लगी न अपनी खबर न जहां की है सुध मेरी हर ज़ुबाँ पे तेरा ज़िक्र होने लगा
ओ दिलरुबा मेरी दिलरुबा तू ही मेरी मंज़िल तू ही मेरा रास्ता साँसों में तुझको बसा लिया है मैंने अब खुदा से भी पहले है तेरा वास्ता
तेरी आँखों की गहराई में डूब जाऊँ मैं तेरी मुस्कान में खुद को भुला दूँ तू जो पास हो तो ये वक़्त थम जाए पूरी कायनात को तेरे लिए सजा दूँ तू ही इबादत तू ही मेरी दुआ
ये कैसा जादू कर दिया है तूने कि खुद से ज़्यादा तेरी फ़िक्र होने लगी न अपनी खबर न जहां की है सुध मेरी हर ज़ुबाँ पे तेरा ज़िक्र होने लगा
ओ दिलरुबा मेरी दिलरुबा तू ही मेरी मंज़िल तू ही मेरा रास्ता साँसों में तुझको बसा लिया है मैंने अब खुदा से भी पहले है तेरा वास्ता
ये जिस्म क्या है ये जान भी तेरी है मेरा हर एक कल मेरा हर आज तेरा है जब तक चले ये साँसें ये वादा है तुझसे मेरे इश्क़ का हर अल्फ़ाज़ बस तेरा है तेरे नाम से ही अब मैं पूरा हुआ
दिलरुबा मेरी दिलरुबा बस तू ही तू मेरी साँसों में मेरी बातों में दिलरुबा
तेरी साँसों की खुशबू हवाओं में घुली है जैसे कोई सुबह पहली बार खिली है तेरे आने से पहले ये दुनिया थी वीरान अब हर एक ज़र्रे में तेरी ही कहानी मिली है
ये जो हल्का सा सुरूर है ये जो मीठा सा गुरूर है सब तेरी ही बदौलत है मेरा दिल जो यूँ मजबूर है
मैं बन गया हूँ प्रेमी तेरा प्रेमी बस तेरा प्रेमी मेरी हर दुआ में शामिल तू ही है वो कमी जो पूरी हुई अब मिली जबसे तू मिली मैं बन गया हूँ प्रेमी तेरा प्रेमी सिर्फ तेरा प्रेमी
स्याही बनके तू मेरे हर लफ़्ज़ में रहती है नदी बनके तू मेरे ख्यालों में बहती है तेरे बिना जो गुज़रे वो पल तो पल ही नहीं मेरी ज़िन्दगी की वजह बस तू ही तो कहती है
ये जो हल्का सा सुरूर है ये जो मीठा सा गुरूर है सब तेरी ही बदौलत है मेरा दिल जो यूँ मजबूर है
मैं बन गया हूँ प्रेमी तेरा प्रेमी बस तेरा प्रेमी मेरी हर दुआ में शामिल तू ही है वो कमी जो पूरी हुई अब मिली जबसे तू मिली मैं बन गया हूँ प्रेमी तेरा प्रेमी सिर्फ तेरा प्रेमी
मैंने चाँद से कह दिया अब तेरी ज़रुरत नहीं मेरे पास तो तुझसे भी ज़्यादा खूबसूरत कोई है तेरी एक मुस्कान पे मैं सब कुछ वार दूँ तेरे आगे तो जन्नत की भी कोई कीमत नहीं
धड़कनें मेरी अब तेरा ही नाम लेती हैं आँखें मेरी अब तेरा ही ख्वाब देखती हैं कैसे बताऊँ तुझे के कितना इश्क़ है तुझसे ये दूरियां अब मुझे बस तन्हाई देती हैं
बारिश की बूँदें जब तेरे चेहरे को छू जाएँ दिल करे मेरा मैं वो बूँद ही बन जाऊँ तेरे संग ही जीना है तेरे संग ही मरना है इस दुनिया से परे एक दुनिया मैं बसाऊँ
मैं बन गया हूँ प्रेमी तेरा प्रेमी बस तेरा प्रेमी मेरी हर दुआ में शामिल तू ही है वो कमी जो पूरी हुई अब मिली जबसे तू मिली मैं बन गया हूँ प्रेमी तेरा प्रेमी सिर्फ तेरा प्रेमी
प्रेमी बस तेरा प्रेमी हाँ मैं हूँ तेरा प्रेमी सिर्फ तेरा प्रेमी
पलकों पे तेरी यादों का मेला है तेरे बिन हर लम्हा अकेला है साँसों की सरगम तुझसे ही पूरी हो ये दिल बस तेरे इश्क़ में खेला है
ये जो हल्का सा दर्द है कितना मीठा है तेरा दिया है इसलिए दिल ने सींचा है न दवा चाहिए न दुआ चाहिए इस दर्द में जीना ही मेरी सज़ा मेरी जज़ा है
जब हवा चलती है तेरा आँचल लहराए पानी की बूँदों में तेरा चेहरा नज़र आए मेरी लिखी हर नज़्म में बस तेरा ही ज़िक्र है तुझे खोने का ही बस अब दिल में फिक्र है तेरे सिवा कुछ भी न अब इस मन को भाए
धड़कनों में भी अब तो तेरी ही सरगोशी है लबों पर खामोशी आँखों में मदहोशी है ये कैसा जादू है जो मुझपे छाया है तेरे इश्क़ ने मुझे खुद से ही मिलाया है
ये जो हल्का सा दर्द है कितना मीठा है तेरा दिया है इसलिए दिल ने सींचा है न दवा चाहिए न दुआ चाहिए इस दर्द में जीना ही मेरी सज़ा मेरी जज़ा है
रात की चादर ओढ़े जब चाँद निकलता है आसमान में तेरा ही अक्स झलकता है तेरी बातें वो जो कानों में गूँजती हैं सौ बार सुनकर भी ये रूह कहाँ थकती है हर एहसास अब तुझसे ही जा मिलता है
कागज़ की कश्ती जैसे मेरी ये ज़िंदगानी बह रही है तेरे इश्क़ के दरिया में बनके कहानी कोई किनारा न मिले मुझे परवाह नहीं तेरे नाम के सहारे ही कट जाएगा ये सफ़र यहीं तू ही मेरी इब्तिदा तू ही रूहानी
हर मोड़ पर नज़रें तुझको ही ढूँढती हैं ये प्यासी आँखें बस तेरी ही राह तकती हैं तुझसे शुरू होकर तुझपे ही खत्म हो जाऊँ मैं तो बस तेरी मोहब्बत में फना हो जाऊँ
ये जो हल्का सा दर्द है कितना मीठा है तेरा दिया है इसलिए दिल ने सींचा है न दवा चाहिए न दुआ चाहिए इस दर्द में जीना ही मेरी सज़ा मेरी जज़ा है
गर ये दर्द नहीं तो इश्क़ की क्या हस्ती है इसी एहसास में तो मेरी जान बसती है ज़माने की खुशियों से मुझे क्या लेना-देना मेरी दुनिया तो है बस तेरे ख्यालों में रहना तेरे नाम से ही मेरी हर शाम महकती है