Dard (दर्द)

  • Written By Abu Sayed

Song

Dard

Lyrics

पलकों पे तेरी यादों का मेला है
तेरे बिन हर लम्हा अकेला है
साँसों की सरगम तुझसे ही पूरी हो
ये दिल बस तेरे इश्क़ में खेला है

ये जो हल्का सा दर्द है कितना मीठा है
तेरा दिया है इसलिए दिल ने सींचा है
न दवा चाहिए न दुआ चाहिए
इस दर्द में जीना ही मेरी सज़ा मेरी जज़ा है

जब हवा चलती है तेरा आँचल लहराए
पानी की बूँदों में तेरा चेहरा नज़र आए
मेरी लिखी हर नज़्म में बस तेरा ही ज़िक्र है
तुझे खोने का ही बस अब दिल में फिक्र है
तेरे सिवा कुछ भी न अब इस मन को भाए

धड़कनों में भी अब तो तेरी ही सरगोशी है
लबों पर खामोशी आँखों में मदहोशी है
ये कैसा जादू है जो मुझपे छाया है
तेरे इश्क़ ने मुझे खुद से ही मिलाया है

ये जो हल्का सा दर्द है कितना मीठा है
तेरा दिया है इसलिए दिल ने सींचा है
न दवा चाहिए न दुआ चाहिए
इस दर्द में जीना ही मेरी सज़ा मेरी जज़ा है

रात की चादर ओढ़े जब चाँद निकलता है
आसमान में तेरा ही अक्स झलकता है
तेरी बातें वो जो कानों में गूँजती हैं
सौ बार सुनकर भी ये रूह कहाँ थकती है
हर एहसास अब तुझसे ही जा मिलता है

कागज़ की कश्ती जैसे मेरी ये ज़िंदगानी
बह रही है तेरे इश्क़ के दरिया में बनके कहानी
कोई किनारा न मिले मुझे परवाह नहीं
तेरे नाम के सहारे ही कट जाएगा ये सफ़र यहीं
तू ही मेरी इब्तिदा तू ही रूहानी

हर मोड़ पर नज़रें तुझको ही ढूँढती हैं
ये प्यासी आँखें बस तेरी ही राह तकती हैं
तुझसे शुरू होकर तुझपे ही खत्म हो जाऊँ
मैं तो बस तेरी मोहब्बत में फना हो जाऊँ

ये जो हल्का सा दर्द है कितना मीठा है
तेरा दिया है इसलिए दिल ने सींचा है
न दवा चाहिए न दुआ चाहिए
इस दर्द में जीना ही मेरी सज़ा मेरी जज़ा है

गर ये दर्द नहीं तो इश्क़ की क्या हस्ती है
इसी एहसास में तो मेरी जान बसती है
ज़माने की खुशियों से मुझे क्या लेना-देना
मेरी दुनिया तो है बस तेरे ख्यालों में रहना
तेरे नाम से ही मेरी हर शाम महकती है