
फासीवाद का साथी ( Fascivaad Ka Saathi )
फासीवाद का साथी ( Fascivaad Ka Saathi ) Wrote at: 10:32 PM, March 2, 2025
by Abu Sayed!
Lyrics
[Verse 1]
कुछ दिल्ली के गलियारों में, फासीवाद का जश्न है,
बंगलादेश के ख़्वाबों पे, ज़हर की बारिश है।
यूनुस की मशाल जलाओ, छात्रों का इंक़लाब है,
तुम्हारी “दोस्ती” के पीछे—काला सच छिपा क्यों है?
[Pre-Chorus]
ओ भारत! तेरी आँखें क्यों बंद हैं?
“लोकतंत्र” का झंडा झूठा क्यों लहराया?
जो फासीवाद को थामे, इतिहास उसे याद रखेगा,
बंगलादेश की आग—तुम्हारी चुप्पी को जलाएगा!
[Chorus]
फासीवाद का साथी, तू हँसता क्यों है?
छात्रों के ख़ून से तेरा हाथ लाल क्यों है?
दूसरा गणतंत्र आएगा—तूफान बनके आएगा,
तेरे “समर्थन” की नाव—ये लहर डुबो के जाएगा!
[Verse 2]
तेरे दामन पे दाग है, गैस-पाइपों का सौदा,
हमारे सपनों को बेचा, “राजनीति” का ठेका लिया!
पर यूनुस के नेतृत्व में, अब नया सवेरा है,
तुम्हारे “फासीवादी गीत”—यहाँ धूल में मिल जाएगा!
[Bridge – Crowd Chant]
Leader: “कौन है गद्दार?”
Crowd: “फासीवाद का साथी!”
Leader: “किसकी जीत होगी?”
Crowd: “छात्रों की क्रान्ति!”
Leader: “कौन लिखेगा इतिहास?”
Crowd: “दूसरा गणतंत्र—बंगलादेश की आवाज़!”
[Outro]
जाते-जाते सुन ले, दिल्ली—ये आग बुझेगी नहीं,
फासीवाद के साये में, हमारा हौसला नहीं डगमगाएगा!
दूसरा गणतंत्र हमारा—तुम्हारी रणनीति को चकनाचूर करेगा,
इंक़लाब की ये लहर—तुम्हारे “साथ” को धो के बहाएगा!
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