Song
Surah 36 (Ya-Sin: Aasman Ka Noor)
Lyric
यासीन, यासीन, यासीन
हकीम के क़लम से लिखी हुई
आसमानों की कसम, ज़मीन की कसम
तुम रब के भेजे हुए रसूल हो
यासीन, यासीन, यासीन
चाँद सूरज सितारे सब चलते हैं
एक निश्चित मार्ग पर, कभी ना रुकते हैं
जीवन का हर पल है अनमोल यहाँ
क्या करते हो तुम, सोचो ज़रा
जिस धरती से तुम पैदा हुए
उसी में वापस जाना है एक दिन
मौत से डरो ना, यह तो आनी है
फिर उठना है, हिसाब देना है
दिल को जगा दो, राह दिखा दो
यासीन की आयतें सुनाती हैं
अंधकार से निकलो, नूर में आओ
यासीन की हिकमत समझो
दो शहर की कहानी, तीन दूतों का संदेश
मानने वाले पाए जन्नत का वेश
ना मानने वालों पर आई आफ़त
एक चीख़ और हो गए ख़ामोश
धरती मुर्दा थी, हमने जिलाया
अनाज उगाया, बाग़ लगाए
यह सब निशानी है उस रब की
जिसने हमें बनाया, पालना किया
जोड़े बनाए हर चीज़ के
नर और मादा, दिन और रात
जानते नहीं हम क्या है छुपा
आँखों से परे, कल्पना से दूर
दिल को जगा दो, राह दिखा दो
यासीन की आयतें सुनाती हैं
अंधकार से निकलो, नूर में आओ
यासीन की हिकमत समझो
हर इंसान का कर्म लिखा जाता है
अच्छा बुरा सब याद रखा जाता है
रोज़ हिसाब होगा, न्याय मिलेगा
जन्नत या जहन्नम, फैसला होगा
सीधी राह पर चलो, इबादत करो
दुनिया के जाल में मत फंसो
आखिरत की फिक्र करो, नेकी कमाओ
यासीन की बातें दिल में बसाओ
यासीन, यासीन, यासीन
क़ुरआन का दिल, नूर का संदेश
सच्चे रास्ते पर चलने की दावत
यासीन, यासीन, यासीन…