Qurbaan

  • Written by Abu Sayed

Song

Qurbaan

Lyric

तेरे इश्क पे दिल कुर्बान किया
क्यों मुझको यूँ बेजान किया
मेरी दुनिया तुझसे ही रौशन थी
क्यों घुप अँधेरे में डाल दिया
सूनी सी हैं राहें, सूना मेरा सफ़र
तेरी आहट को तरसे, मेरी ये नज़र
ख्वाबों के वो महल, जो संग देखे थे
इक पल में रेत बनके, सब गए बिखर
साँसें हैं रुकी सी, धड़कन है थमी
आँखों में जो नमी है, वो कैसे कहूँ
हर जगह तू ही है, फिर भी है कमी
इस दर्द-ए-जुदाई को, कैसे मैं सहूँ
तेरे इश्क पे दिल कुर्बान किया
क्यों मुझको यूँ बेजान किया
मेरी दुनिया तुझसे ही रौशन थी
क्यों घुप अँधेरे में डाल दिया
तू ही था मेरा जहाँ, मेरा आसमाँ
अब तुझ बिन जाऊँ कहाँ
बंद कमरे में तेरी, तस्वीरें हैं पड़ी
उनसे बातें करता हूँ, मैं हर घड़ी
तेरी हँसी की खनक, कानों में है अभी
लगता है जैसे तू, यहीं है खड़ी
साँसें हैं रुकी सी, धड़कन है थमी
आँखों में जो नमी है, वो कैसे कहूँ
हर जगह तू ही है, फिर भी है कमी
इस दर्द-ए-जुदाई को, कैसे मैं सहूँ
तेरे इश्क पे दिल कुर्बान किया
क्यों मुझको यूँ बेजान किया
मेरी दुनिया तुझसे ही रौशन थी
क्यों घुप अँधेरे में डाल दिया
तू ही था मेरा जहाँ, मेरा आसमाँ
अब तुझ बिन जाऊँ कहाँ
ये हवा जो छू के गुज़रे, तेरा पैगाम लाये
काश ऐसा हो के तू, खुद लौट आये
मैं सईद दिल से बस, ये ही कह रहा हूँ
बिन तेरे ये ज़िंदगी, रास ना आये
क्या खता थी मेरी, क्या थी मजबूरी
क्यों ये कहानी रह गयी अधूरी
रूह मेरी तुझमें है, जिस्म है यहाँ
कैसी है ये हम-दोनों के बीच दूरी
तेरे इश्क पे दिल कुर्बान किया
क्यों मुझको यूँ बेजान किया
मेरी दुनिया तुझसे ही रौशन थी
क्यों घुप अँधेरे में डाल दिया
तू ही था मेरा जहाँ, मेरा आसमाँ
अब तुझ बिन जाऊँ कहाँ
कुर्बान किया
बेजान किया
ओ… तुझ बिन जाऊँ कहाँ
मेरी दुनिया… कुर्बान

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Abu Sayed's New Music Released
Ya Ali - Spanish Version, Vol. 2
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