Deewangi

  • Written by Abu Sayed

Song

Deewangi

Lyric

ये दीवानगी है, या है कोई सज़ा?
तेरे बिन जी रहा हूँ, पर हूँ लापता।
मेरी हर साँस में, हर धड़कन में, तू ही तो है रवाँ।
ये कैसी है तड़प, ये कैसा है नशा?
मेरी दीवानगी…
भीगी-भीगी रातें, सूनी हैं ये आँखें।
ढूँढें तुझको हर पल, कहती हैं ये बातें।
दीवारों से टकरा के, लौट आती हैं सदाएँ।
तू ही बता दे मुझको, जाऊँ तो जाऊँ कहाँ?
दिल का ये आँगन, अब वीरान लगता है।
हर अपना बेगाना, अनजान लगता है।
रूह काँप जाती है, जब याद आती हो तुम।
हर लम्हा एक सदमे सा, मेहमान लगता है।
ये दीवानगी है, या है कोई सज़ा?
तेरे बिन जी रहा हूँ, पर हूँ लापता।
मेरी हर साँस में, हर धड़कन में, तू ही तो है रवाँ।
ये कैसी है तड़प, ये कैसा है नशा?
तू कहाँ… मेरी दीवानगी…
ना मिला… कोई दरमियाँ…
तेरी हँसी की गूँजें, कानों में हैं अब तक।
तेरी खुशबू ये साएँ, मेरे साथ हैं जब तक।
आईने में भी मुझको, अक्स तेरा दिखता है।
कैसे मैं मान लूँ के, हम हो गए हैं अलग?
टूटे हुए ख्वाबों के, टुकड़े चुन रहा हूँ।
तेरी ही बातों को मैं, बस खुद से कह रहा हूँ।
दुनिया ये जीत के भी, सब हार गया हूँ मैं।
हर भीड़ में भी तन्हा, तन्हा ही रह रहा हूँ।
ये दीवानगी है, या है कोई सज़ा?
तेरे बिन जी रहा हूँ, पर हूँ लापता।
मेरी हर साँस में, हर धड़कन में, तू ही तो है रवाँ।
ये कैसी है तड़प, ये कैसा है नशा?
तू कहाँ… मेरी दीवानगी…
ना मिला… कोई दरमियाँ…
ये इश्क है इबादत, या है बस एक जुनून?
मिल जाए बस तेरा, मुझको वही एक सुकूँ।
मैं सईद, दिल से बस, ये ही कह रहा हूँ।
तेरे सिवा मेरा है, और कौन यहाँ?
शायद ये किस्मत में, लिखा था जुदा होना।
मिल के भी ना मिलना, मिल के ही खोना।
पर दिल ये माने ना, तुझको ही चाहे।
कैसे सहूँ ये दर्द, कैसे मैं चुप रहूँ? ओ…
ये दीवानगी है, या है कोई सज़ा? (सज़ा…)
तेरे बिन जी रहा हूँ, पर हूँ लापता। (लापता…)
मेरी हर साँस में, हर धड़कन में, तू ही तो है रवाँ।
ये कैसी है तड़प, ये कैसा है नशा?
तू कहाँ… मेरी दीवानगी…
ना मिला… कोई दरमियाँ… (कोई दरमियाँ…)
मेरी दीवानगी…
बस तेरी दीवानगी…
खोया हूँ… तुझमें ही…
ओ… दीवानगी…

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Abu Sayed's New Music Released
Ya Ali - Spanish Version, Vol. 2
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